बारिश पर 20 बेहतरीन शेर
बारिश का लुत्फ़ या तो
आप भीग कर लेते होंगे या बालकनी में बैठ कर गिरती हुई बूँदों और चमकदार आसमान को देखकर, लेकिन क्या आपने ऐसी शायरी पढ़ी है जो सिर्फ बरसात ही नहीं बल्कि बे-मौसम भी बरसात का मज़ा देती हो? यहाँ हम आप के लिए ऐसी ही शायरी पेश कर रहे हैं जो बरसात के ख़ूबसूरत मौसम को मौज़ू बनाती है। इस बरसाती मौसम में अगर आप ये शायरी पढ़ेंगे तो शायद कुछ ऐसा हो, जो यादगार हो जाएगी।
टॉप 20 सीरीज़
- 20 बेहतरीन प्रेरणादायक शेर
- अंगड़ाई पर 20 बेहतरीन शेर
- अख़बार पर 20 बेहतरीन शेर
- अदा पर 20 बेहतरीन शेर
- आँख पर 20 बेहतरीन शेर
- आँसू पर 20 बेहतरीन शेर
- आईने पर 20 बेहतरीन शेर
- आदमी/इंसान शायरी
- इन्तिज़ार शायरी
- इश्क़ पर 20 बेहतरीन शेर
- उदास शायरी
- किताब शायरी
- ख़ामोशी पर शायरी
- चाँद पर 20 बेहतरीन शेर
- ज़िन्दगी शायरी
- जुदाई पर 20 बेहतरीन शेर
- ज़ुल्फ़ शायरी
- टूटे हुए दिलों के लिए 20 बेहतरीन शेर
- तन्हाई पर शेर
- तस्वीर पर 20 बेहतरीन शेर
- दर्द शायरी
- दिल शायरी
- दीदार पर शायरी
- दुआ पर 20 बेहतरीन शेर
- दुनिया शायरी
- दोस्त/दोस्ती शायरी
- धोखा पर 20 बेहतरीन शेर
- नए साल पर बेहतरीन शेर
- नुशूर वाहिदी के 20 बेहतरीन शेर
- फूल शायरी
- बारिश पर 20 बेहतरीन शेर
- बोसे पर 20 बेहतरीन शेर
- मुलाक़ात शायरी
- मुस्कुराहट शायरी
- मौत शायरी
- याद शायरी
- रेलगाड़ियों पर 20 बेहतरीन शेर
- वक़्त शायरी
- वफ़ा शायरी
- विदाई शायरी
- विसाल शायरी
- शराब शायरी
- सफ़र शायरी
- सर्वाधिक उद्धरित किए जाने वाले 20 बेहतरीन शेर
- स्वागत शायरी
- हुस्न शायरी
- होंठ पर शायरी
उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नहीं
भीगने वालों को कल क्या क्या परेशानी हुई
-
टैग्ज़: तग़ाफ़ुलऔर 1 अन्य
तमाम रात नहाया था शहर बारिश में
वो रंग उतर ही गए जो उतरने वाले थे
-
टैग्ज़: बारिशऔर 2 अन्य
अब भी बरसात की रातों में बदन टूटता है
जाग उठती हैं अजब ख़्वाहिशें अंगड़ाई की
-
टैग्ज़: अंगड़ाईऔर 1 अन्य
बारिश शराब-ए-अर्श है ये सोच कर 'अदम'
बारिश के सब हुरूफ़ को उल्टा के पी गया
-
टैग्ज़: बारिशऔर 1 अन्य
दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था
इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था
-
टैग्ज़: बारिशऔर 1 अन्य
बरसात के आते ही तौबा न रही बाक़ी
बादल जो नज़र आए बदली मेरी नीयत भी
-
टैग्ज़: तौबाऔर 1 अन्य
टूट पड़ती थीं घटाएँ जिन की आँखें देख कर
वो भरी बरसात में तरसे हैं पानी के लिए
-
टैग्ज़: क़िस्मतऔर 1 अन्य
साथ बारिश में लिए फिरते हो उस को 'अंजुम'
तुम ने इस शहर में क्या आग लगानी है कोई
-
टैग: बारिश
क्यूँ माँग रहे हो किसी बारिश की दुआएँ
तुम अपने शिकस्ता दर-ओ-दीवार तो देखो
-
टैग्ज़: दुआऔर 1 अन्य
भीगी मिट्टी की महक प्यास बढ़ा देती है
दर्द बरसात की बूँदों में बसा करता है
-
टैग्ज़: दर्दऔर 1 अन्य