अंजुम सलीमी के शेर
माँ की दुआ न बाप की शफ़क़त का साया है
आज अपने साथ अपना जनम दिन मनाया है
साथ बारिश में लिए फिरते हो उस को 'अंजुम'
तुम ने इस शहर में क्या आग लगानी है कोई
-
टैग : बारिश
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
तुम अकेले में मिले ही नहीं वर्ना तुम को
और ही तरह के इक शख़्स से मिलवाता मैं
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
इतना बे-ताब न हो मुझ से बिछड़ने के लिए
तुझ को आँखों से नहीं दिल से जुदा करना है
-
टैग : जुदाई
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
रौशनी भी नहीं हवा भी नहीं
माँ का नेमुल-बदल ख़ुदा भी नहीं
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
मुझे पता है कि बर्बाद हो चुका हूँ मैं
तू मेरा सोग मना मुझ को सोगवार न कर
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
चल तो सकता था मैं भी पानी पर
मैं ने दरिया का एहतिराम किया
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
किस शफ़क़त में गुँधे हुए मौला माँ बाप दिए
कैसी प्यारी रूहों को मेरी औलाद किया
-
टैग : माँ
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
तू मिरे सब्र का अंदाज़ा लगा सकता है
तेरी सोहबत में तिरा हिज्र गुज़ारा है मियाँ
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
एक बे-नाम उदासी से भरा बैठा हूँ
आज दिल खोल के रोने की ज़रूरत है मुझे
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
मुझ से ख़ाली है मेरा आईना
आँसुओं से भरा हुआ हूँ मैं
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
उठाए फिरता रहा मैं बहुत मोहब्बत को
फिर एक दिन यूँही सोचा ये क्या मुसीबत है
मैं चीख़ता रहा कुछ और भी है मेरा इलाज
मगर ये लोग तुम्हारा ही नाम लेते रहे
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
बस अंधेरे ने रंग बदला है
दिन नहीं है सफ़ेद रात है ये
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
किस ने आबाद किया है मिरी वीरानी को
इश्क़ ने? इश्क़ तो बीमार पड़ा है मुझ में
उस ख़ुदा की तलाश है 'अंजुम'
जो ख़ुदा हो के आदमी सा लगे
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
एक दिन मेरी ख़ामुशी ने मुझे
लफ़्ज़ की ओट से इशारा किया
-
टैग : ख़ामोशी
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
वो इक दिन जाने किस को याद कर के
मिरे सीने से लग के रो पड़ा था
-
टैग : याद
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
इतना तरसाया गया मुझ को मोहब्बत से कि अब
इक मोहब्बत पे क़नाअत नहीं कर सकता मैं
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
कर रहा हूँ तुझे ख़ुशी से बसर
ज़िंदगी तुझ से दाद चाहता हूँ
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
उदासी खींच लाई है यहाँ तक
मैं आँसू था समुंदर में पड़ा हूँ
-
टैग : आब दीदा
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
तेरे अंदर की उदासी के मुशाबह हूँ मैं
ख़ाल-ओ-ख़द से नहीं आवाज़ से पहचान मुझे
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
मैं अंधेरे में हूँ मगर मुझ में
रौशनी ने जगह बना ली है
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
हाँ ज़माने की नहीं अपनी तो सुन सकता था
काश ख़ुद को ही कभी बैठ के समझाता मैं
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
मैं जिस चराग़ से बैठा था लौ लगाए हुए
पता चला वो अंधेरे में रख रहा था मुझे
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
सभी दरवाज़े खुले हैं मिरी तन्हाई के
सारी दुनिया को मयस्सर है रिफ़ाक़त मेरी
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
मेरी मिट्टी से बहुत ख़ुश हैं मिरे कूज़ा-गर
वैसा बन जाता हूँ मैं जैसा बनाते हैं मुझे
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
कैसी होती हैं उदासी की जड़ें
आ दिखाऊँ तुझे दिल के रेशे
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
मैं एक एक तमन्ना से पूछ बैठा हूँ
मुझे यक़ीं नहीं आता कि मेरा सब है तू
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
पत्थर में कौन जोंक लगाएगा मेरे दोस्त
दिल है तो मुब्तला भी कहीं होना चाहिए
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
ऐसी क्या बीत गई मुझ पे कि जिस के बाइस
आब-दीदा हैं मिरे हँसने हँसाने वाले
-
टैग : आब दीदा
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
एक ताबीर की सूरत नज़र आई है इधर
सो उठा लाया हूँ सब ख़्वाब पुराने वाले
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
मैं ख़ुद से मिल के कभी साफ़ साफ़ कह दूँगा
मुझे पसंद नहीं है मुदाख़लत अपनी
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
कहो हवा से कि इतनी चराग़-पा न फिरे
मैं ख़ुद ही अपने दिए को बुझाने वाला हूँ
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
तुझ से ये कैसा तअल्लुक़ है जिसे जब चाहूँ
ख़त्म कर देता हूँ आग़ाज़ भी कर लेता हूँ
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
पुराना ज़हर नए नाम से मिला है मुझे
वो आस्तीन नहीं केंचुली बदल रहा था
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
ख़्वाब शर्मिंदा-ए-विसाल हुआ
हिज्र में नींद आ गई थी मुझे
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
जब ख़ुदा भी नहीं था साथ मरे
मुझ पे बीती है ऐसी तन्हाई
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
अपनी तस्दीक़ मुझे तेरी गवाही से हुई
तू कहाँ से मिरे होने की ख़बर लाया है
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
कहने सुनने के लिए और बचा ही क्या है
सो मिरे दोस्त इजाज़त मुझे रुख़्सत किया जाए
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
खुली हुई है जो कोई आसान राह मुझ पर
मैं उस से हट के इक और रस्ता बना रहा हूँ
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
इश्क़ फ़रमा लिया तो सोचता हूँ
क्या मुसीबत पड़ी हुई थी मुझे
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
ठीक से याद भी नहीं अब तो
इश्क़ ने मुझ में कब क़याम किया
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
बरहम हैं मुझ पे इस लिए दोनों तरफ़ के लोग
दीवार उठ गई थी तो दर क्यूँ बनाया है
-
टैग : बरहम
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
बुझने दे सब दिए मुझे तन्हाई चाहिए
कुछ देर के लिए मुझे तन्हाई चाहिए
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
किसी तरह से नज़र मुतमइन नहीं होती
हर एक शय को दोबारा बदल के देखता हूँ
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
मैं आज ख़ुद से मुलाक़ात करने वाला हूँ
जहाँ में कोई भी मेरे सिवा न रह जाए
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
दोस्तो मेरे लिए कोई भी अफ़्सुर्दा न हो
ख़ुश-दिली से दम-ए-रुख़्सत मुझे रुख़्सत किया जाए
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
आगे बिछी पड़ी रहीं उस के बदन की नेमतें
उस ने बहुत कहा मगर मैं ने उसे चखा नहीं
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
दर्द से भरता रहा ज़ात के ख़ाली-पन को
थोड़ा थोड़ा यूँही भरपूर किया मैं ने मुझे
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड