Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

हादसा पर शेर

ज़िन्दगी कभी-कभी इन्सान

को उन हालात के मुक़ाबिल कर देती है जिनका सामना करने के लिए वह तैयार नहीं होता। ऐसे हादसे परेशान तो करते हैं लेकिन दुनिया में जीने के आदाब और जीतने के तरीक़े भी सिखा जाते हैं। ऐसे तजुर्बे शायरों को भी बहुत कुछ दे जाते हैं जिन्हें लफ़्ज़ों में ढालने के फ़न उसके पास होता है। ज़िन्दगी के ऐसे ही लम्हों का आइना होती है हादसा शायरी। आइये इधर भी एक निगाह करते हैं ।

ये जब्र भी देखा है तारीख़ की नज़रों ने

लम्हों ने ख़ता की थी सदियों ने सज़ा पाई

मुज़फ़्फ़र रज़्मी

वक़्त करता है परवरिश बरसों

हादिसा एक दम नहीं होता

क़ाबिल अजमेरी

तुम अभी शहर में क्या नए आए हो

रुक गए राह में हादसा देख कर

बशीर बद्र

ज़िंदगी इक हादसा है और कैसा हादसा

मौत से भी ख़त्म जिस का सिलसिला होता नहीं

जिगर मुरादाबादी

हमारे पेश-ए-नज़र मंज़िलें कुछ और भी थीं

ये हादसा है कि हम तेरे पास पहुँचे

शहज़ाद अहमद

किस दर्जा दिल-शिकन थे मोहब्बत के हादसे

हम ज़िंदगी में फिर कोई अरमाँ कर सके

साहिर लुधियानवी

'बानी' ज़रा सँभल के मोहब्बत का मोड़ काट

इक हादसा भी ताक में होगा यहीं कहीं

राजेन्द्र मनचंदा बानी

हर नए हादसे पे हैरानी

पहले होती थी अब नहीं होती

बाक़ी सिद्दीक़ी

उन्हें सदियों भूलेगा ज़माना

यहाँ जो हादसे कल हो गए हैं

नासिर काज़मी

किसे ख़बर थी कि ये वाक़िआ भी होना था

कि खेल खेल में इक हादसा भी होना था

अज्ञात

वो हादसे भी दहर में हम पर गुज़र गए

जीने की आरज़ू में कई बार मर गए

उनवान चिश्ती

तस्वीर-ए-ज़िंदगी में नया रंग भर गए

वो हादसे जो दिल पे हमारे गुज़र गए

महेश चंद्र नक़्श

रंगीनी-ए-हयात बढ़ाने के वास्ते

पड़ती है हादसों की ज़रूरत कभी कभी

अज्ञात

बस्तियों में होने को हादसे भी होते हैं

पत्थरों की ज़द पर कुछ आईने भी होते हैं

ग़ुलाम रब्बानी ताबाँ

हादसे राह के ज़ेवर हैं मुसाफ़िर के लिए

एक ठोकर जो लगी है तो इरादा बदल

ताहिर फ़राज़

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए