रूह पर उद्धरण

जिस्म दाग़ा जा सकता है मगर रूह नहीं दाग़ी जा सकती।

वेश्या अपनी तारीक तिजारत के बावजूद रौशन रूह की मालिक हो सकती है।

जिस्मानी हिसिय्यात से मुताल्लिक़ चीज़ें ज़्यादा देरपा नहीं होतीं मगर जिन चीज़ों का ताल्लुक़ रूह से होता है, देर तक क़ायम रहती हैं।
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