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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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Arman Khan Arman's Photo'

अरमान ख़ान अरमान

1995 | अलीगढ़, भारत

नौजवान शायरों में शामिल, आसान ज़बान में शेर-गोई

नौजवान शायरों में शामिल, आसान ज़बान में शेर-गोई

अरमान ख़ान अरमान

ग़ज़ल 12

अशआर 6

जंगल में उदासी के रहोगे भला कब तक

कुछ राह बना कर के निकल क्यों नहीं जाते

तल्ख़ियाँ ख़ून-ए-जिगर की शा'इरी में घोल कर

चंद मिसरे' लाएँ हैं हम भी सुनाने के लिए

नए मिज़ाज के लोगों को किस लिए आख़िर

क़दीम तौर-तरीक़ों के बस में रहना पड़ा

नज़र तो फेर मिरे काग़ज़ी बदन की तरफ़

अभी ये ज़र्ब-ए-मुसलसल से तार-तार नहीं

सर क़लम कर दे सितमगर दस्त-ओ-बाज़ू काट दे

बे-तकल्लुफ़ हक़-ब-जानिब बात होनी चाहिए

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