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रद करें डाउनलोड शेर

ज़िंदगी के लिए सीख पर कहानियाँ

फ़ोटोग्राफ़र

उत्तर-पूर्व के एक शांत क़स्बे में स्थित एक डाक-बंगले के फ़ोटोग्राफ़र की कहानी। फ़ोटोग्राफ़र ज़्यादा टूरिस्टों के न होने के बाद भी अपने क़स्बे में जमा रहता है। डाक-बंगले में इक्का-दुक्का टूरिस्ट आते हैं जिनसे काम के लिए उसने डाक-बंगले के माली से समझौता कर लिया है। उन्हीं टूरिस्टों में एक शाम एक नौजवान और एक लड़की डाक-बंगले में आते हैं। नौजवान मशहूर संगीतकार है और लड़की मशहूर-तरीन नृत्यांगना। दोनों खुश हैं और अगले दिन बाहर घूमने जाते वक़्त वे फ़ोटोग्राफ़र से फोटो भी खिंचवाते हैं, लेकिन लड़की उसे ले जाना भूल जाती है। पंद्रह साल बाद इत्तेफ़ाक़ से वह फिर उसी डाक-बंगले में आती है और फ़ोटोग्राफ़र को वहीं पाकर हैरान होती है। फ़ोटोग्राफ़र भी उसे पहचान लेता है और उसके साथी के बारे में पूछता है। साथी, जो ज़िंदगी की भीड़ में कहीं खो गया और उसे खोए हुए भी मुद्दत हो गई है...

क़ुर्रतुलऐन हैदर

गुनाह की रात

हकीम अहमद शुजा

आमिना

यह कहानी दौलत की हवस में रिश्तों की ना-क़द्री और इंसानियत से वंचित कुकर्म कर गुज़रने वाले व्यक्तियों के अंजाम को पेश करती है। दौलत की लालची सौतेली माँ के सताये हुए चंदू और बिंदू को जब क़िस्मत नवाज़ती है तो वो दोनों भी अपने मुश्किल दिन भूल कर रिश्तों की पवित्रता को मजरुह करने पर आमादा हो जाते हैं। चंदू अपने भाई बिंदू के बहकावे में आकर अपनी बीवी और बच्चे को सिर्फ़ दौलत की हवस में छोड़ देता है। जब दौलत ख़त्म हो जाती है और नशा उतरता है तो वह अपनी बीवी के पास वापस जाता है। उसका बेटा उसे उसी दरिया के पास ले जाता है जहाँ चंदू की सौतेली माँ ने डूबने के लिए उन दोनों भाइयों को छोड़ा था और बताता है कि यहाँ पर है मेरी माँ।

सआदत हसन मंटो

एक हलफ़िया बयान

इक़बाल मजीद

नंगे ज़ख़्म

इक़बाल मतीन
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