दिल पर उद्धरण

दिल ऐसी शैय नहीं जो बाँटी जा सके।

दाग़ तो दो ही चीज़ों पर सजता है, दिल और जवानी।
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दाग़ तो दो ही चीज़ों पर सजता है, दिल और जवानी।
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सुलगते सिगरेट और धड़कते दिल में कितनी मुमासिलत है!