aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

गुनाह पर चित्र/छाया शायरी

गुनाह एक ख़ालिस मज़हबी

तसव्वुर है लेकिन शायरों ने उसे बहुत मुख़्तलिफ़ तौर से लिया है। गुनाह का ख़ौफ़ में मुब्तला कर देने वाला ख़याल एक ख़ुश-गवार सूरत में तब्दील हो गया है। ये शायरी आपको गुनाह, सवाब, ख़ैर-ओ-शर के हवाले से बिलकुल एक नए बयानिए से मुतआरिफ़ कराएगी।

Jashn-e-Rekhta | 2-3-4 December 2022 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate, New Delhi

GET YOUR FREE PASS
बोलिए