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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

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पिता पर नज़्में

उर्दू शायरी में रिश्तों

की बड़ी अहमियत है। पिता से मोहब्बत और प्रेम का ये पाक जज़्बा भी शायरी का विषय रहा है। हम ऐसे कुछ मुंतख़ब अशआर आप तक पहुँचा रहे हैं जो पिता को मौज़ू बनाते हैं। पिता के प्यार, उस की मोहब्बत और शफ़क़त को और अपने बच्चों के लिए उस की जां-निसारी को वाज़ेह करते हैं। ये अशआर जज़्बे की जिस शिद्दत और एहसास की जिस गहराई से कहे गए हैं इससे मुतअस्सिर हुए बग़ैर आप नहीं रह सकते। इन अशआर को पढ़िए और पिता से मोहब्बत करने वालों के दर्मियान शएर कीजिए।

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