Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Shahryar's Photo'

शहरयार

1936 - 2012 | अलीगढ़, भारत

अग्रणी आधुनिक उर्दू शायरों में शामिल। फ़िल्म गीतकार , ' फ़िल्म उमराव जान ' , के गीतों के लिए प्रसिद्ध। भारतीय ज्ञान पीठ एवार्ड से सम्मानित

अग्रणी आधुनिक उर्दू शायरों में शामिल। फ़िल्म गीतकार , ' फ़िल्म उमराव जान ' , के गीतों के लिए प्रसिद्ध। भारतीय ज्ञान पीठ एवार्ड से सम्मानित

शहरयार

ग़ज़ल 89

नज़्म 61

अशआर 105

शदीद प्यास थी फिर भी छुआ पानी को

मैं देखता रहा दरिया तिरी रवानी को

जहाँ में होने को दोस्त यूँ तो सब होगा

तिरे लबों पे मिरे लब हों ऐसा कब होगा

जुस्तुजू जिस की थी उस को तो पाया हम ने

इस बहाने से मगर देख ली दुनिया हम ने

सियाह रात नहीं लेती नाम ढलने का

यही तो वक़्त है सूरज तिरे निकलने का

शिकवा कोई दरिया की रवानी से नहीं है

रिश्ता ही मिरी प्यास का पानी से नहीं है

दोहा 1

टूटी फूटी कश्तियाँ दरिया में गिर्दाब

मेरे मरने के लिए ये लम्हे नायाब

  • शेयर कीजिए
 

पुस्तकें 119

चित्र शायरी 26

वीडियो 11

This video is playing from YouTube

वीडियो का सेक्शन
शायर अपना कलाम पढ़ते हुए
Shahryar reading his poetry

शहरयार

ज़िंदगी जैसी तवक़्क़ो' थी नहीं कुछ कम है

शहरयार

ऑडियो 25

'अजीब सानेहा मुझ पर गुज़र गया यारो

आँधी की ज़द में शम-ए-तमन्ना जलाई जाए

ऐसे हिज्र के मौसम कब कब आते हैं

Recitation

संबंधित ब्लॉग

 

संबंधित शायर

"अलीगढ़" के और शायर

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए