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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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रियाज़ शाहिद

ग़ज़ल 7

अशआर 3

चाहत की भला कौन सुने राम-कहानी

इस शहर के सब लोग हैं बहरे उसे कहना

आरज़ू-ए-विसाल तेरे लिए

दिल नहीं हारा जान हारी है

डालता है धमाल दिल गोया

'इश्क़ के बा'द इस की बारी है

 

पुस्तकें 1

 

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