aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1923 - 2000 | फतेहपुर, भारत
सुकून दे न सकीं राहतें ज़माने की
जो नींद आई तिरे ग़म की छाँव में आई
अजीब शय है तसव्वुर की कार-फ़रमाई
हज़ार महफ़िल-ए-रंगीं शरीक-ए-तन्हाई
नफ़स नफ़स पे यहाँ रहमतों की बारिश है
है बद-नसीब जिसे ज़िंदगी न रास आई
मलामतों से जुनूँ में न कुछ कमी आई
जराहतों से बढ़ी ज़ख़्म-ए-दिल की रानाई
ख़ुशी विसाल की अब है न रंज-ए-तन्हाई
ये किस मक़ाम पे मुझ को हयात ले आई
Abru Bad
1973
Bada-e-Shabana
1969
Dayar-e-Saba
1993
Lala Zar
1958
Lala-e-Zaar
Shafaq Zar
003
Shumara Number-008, 009, 010
1976
011,012
004,005
सुकून दे न सकीं राहतें ज़माने की जो नींद आई तिरे ग़म की छाँव में आई
नफ़स नफ़स पे यहाँ रहमतों की बारिश है है बद-नसीब जिसे ज़िंदगी न रास आई
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