Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Murtaza Barlas's Photo'

मुर्तज़ा बरलास

1934

पाकिस्तान के मारूफ़ जदीद शायर

पाकिस्तान के मारूफ़ जदीद शायर

मुर्तज़ा बरलास

ग़ज़ल 39

अशआर 6

मुझे की गई है ये पेशकश कि सज़ा में होंगी रियायतें

जो क़ुसूर मैं ने किया नहीं वो क़ुबूल कर लूँ दबाव में

  • शेयर कीजिए

दुश्मन-ए-जाँ ही सही दोस्त समझता हूँ उसे

बद-दुआ जिस की मुझे बन के दुआ लगती है

नाम इस का आमरियत हो कि हो जम्हूरियत

मुंसलिक फ़िरऔनियत मसनद से तब थी अब भी है

माना कि तेरा मुझ से कोई वास्ता नहीं

मिलने के ब'अद मुझ से ज़रा आइना भी देख

चेहरे की चाँदनी पे इतना भी मान कर

वक़्त-ए-सहर तू रंग कभी चाँद का भी देख

पुस्तकें 4

 

Recitation

Jashn-e-Rekhta 10th Edition | 5-6-7 December Get Tickets Here

बोलिए