कल्ब-ए-हुसैन नादिर
ग़ज़ल 8
अशआर 18
न ख़ंजर उठेगा न तलवार इन से
ये बाज़ू मिरे आज़माए हुए हैं
- अपने फ़ेवरेट में शामिल कीजिए
-
शेयर कीजिए
लोग कहते हैं कि फ़न्न-ए-शाइरी मनहूस है
शेर कहते कहते मैं डिप्टी कलेक्टर हो गया
- अपने फ़ेवरेट में शामिल कीजिए
-
शेयर कीजिए
पूरा करेंगे होली में क्या वादा-ए-विसाल
जिन को अभी बसंत की ऐ दिल ख़बर नहीं
- अपने फ़ेवरेट में शामिल कीजिए
-
शेयर कीजिए
तिरी तारीफ़ हो ऐ साहिब-ए-औसाफ़ क्या मुमकिन
ज़बानों से दहानों से तकल्लुम से बयानों से
- अपने फ़ेवरेट में शामिल कीजिए
-
शेयर कीजिए
हो गए राम जो तुम ग़ैर से ए जान-ए-जहाँ
जल रही है दिल-ए-पुर-नूर की लंका देखो
- अपने फ़ेवरेट में शामिल कीजिए
-
शेयर कीजिए