बच्चे की दुआ
रोचक तथ्य
बच्चों के लिए (उद्धरण )
लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी
ज़िंदगी शम्अ की सूरत हो ख़ुदाया मेरी!
दूर दुनिया का मिरे दम से अँधेरा हो जाए!
हर जगह मेरे चमकने से उजाला हो जाए!
हो मिरे दम से यूँही मेरे वतन की ज़ीनत
जिस तरह फूल से होती है चमन की ज़ीनत
ज़िंदगी हो मिरी परवाने की सूरत या-रब
इल्म की शम्अ से हो मुझ को मोहब्बत या-रब
हो मिरा काम ग़रीबों की हिमायत करना
दर्द-मंदों से ज़ईफ़ों से मोहब्बत करना
मिरे अल्लाह! बुराई से बचाना मुझ को
नेक जो राह हो उस रह पे चलाना मुझ को
- पुस्तक : کلیات اقبال (पृष्ठ 34)
- रचनाकार : علامہ اقبال
- प्रकाशन : ایجوکیشنل پبلشنگ ہاؤس،دہلی (2014)
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