- पुस्तक सूची 180548
-
-
पुस्तकें विषयानुसार
-
बाल-साहित्य1867
औषधि773 आंदोलन280 नॉवेल / उपन्यास4033 -
पुस्तकें विषयानुसार
- बैत-बाज़ी11
- अनुक्रमणिका / सूची5
- अशआर62
- दीवान1390
- दोहा65
- महा-काव्य98
- व्याख्या171
- गीत86
- ग़ज़ल926
- हाइकु12
- हम्द35
- हास्य-व्यंग37
- संकलन1486
- कह-मुकरनी6
- कुल्लियात636
- माहिया18
- काव्य संग्रह4446
- मर्सिया358
- मसनवी766
- मुसद्दस51
- नात490
- नज़्म1122
- अन्य64
- पहेली16
- क़सीदा174
- क़व्वाली19
- क़ित'अ54
- रुबाई273
- मुख़म्मस18
- रेख़्ती12
- शेष-रचनाएं27
- सलाम32
- सेहरा9
- शहर आशोब, हज्व, ज़टल नामा13
- तारीख-गोई26
- अनुवाद73
- वासोख़्त24
मोहम्मद मुजीब की कहानियाँ
कीमिया-गर
यह तुर्की से हिंदुस्तान में आ बसे एक हकीम की कहानी है, जो अपने पूरे खु़लूस और अच्छे स्वभाव के बावजूद भी यहाँ की मिट्टी में घुल मिल नहीं पाता। गाँव की हिंदु आबादी उसका पूरा सम्मान करती है, मगर वह उन्हें कभी अपना महसूस नहीं कर पाता है। फिर गाँव में हैज़ा फैल जाता है और वह अपने बीवी बच्चों को लेकर गाँव छोड़ देता है। रात में उसे सपने में कीमियागर दिखाई देता है, जिसके साथ की गुफ़्तुगू उसके पूरे नज़रिए को बदल देती है और वह वापस गाँव लौटकर लोगों के इलाज में लग जाता है।
ख़ाँ साहब
कहानी एक ऐसे शख़्स के गिर्द घूमती है, जो बहुत दीनदार है मगर इतना कंजूस है कि उसकी बीवी-बेटी बहुत मुफ़्लिसी में गुज़ारा करती हैं। उसकी बीवी बेटी को अच्छी परवरिश के लिए एक औरत के पास छोड़ देती है, तो बदले में वह उस औरत से पैसे भी माँगता है। औरत पैसे तो नहीं देती, हाँ एक पढ़े-लिखे लड़के से उसका रिश्ता तय कर देती है। मगर कम मेहर और नकद न मिलने की वजह से वह धोखे से अपनी बेटी की शादी एक अमीर और अधेड़ उम्र के शख़्स से करा देता है।
बाग़ी
यह कहानी एक रेलवे स्टेशन, उसके मास्टर और टिकट बाबू के गिर्द घूमती है। स्टेशन मास्टर का मानना है कि पूरे हिंदुस्तान में हर चीज़ एक दूसरे से जुड़ी हुई है। बहुत कम लोग ही इस रिश्ते को देख पाते हैं और इसकी क़द्र करते हैं। मगर जो लोग इस रिश्ते से इनकार करते हैं वे बागी हैं। स्टेशन मास्टर के अनुसार इन रिश्तों को जोड़े रखने में आम के बाग़ मुख्य भूमिका निभाते हैं। अगर कहीं आम के बाग़ नहीं हैं तो वह इलाक़ा और वहाँ के लोग सिरे से हिंदुस्तानी ही नहीं है। किसी भी शख़्स को हिंदुस्तानी होने के लिए यहाँ की संस्कृति में आम के बाग़ की अहमियत को समझना ही होगा।
नया मकान
कहानी एक ऐसे शख़्स की है जो बीवी-बच्चों की मौत के बाद दुनिया को तर्क कर देता है और महज़ इबादत-गुज़ारी के लिए नया मकान बनवाना शुरू कर देता है। मकान की तामीर को देखने के लिए वह हर रोज़ वहाँ जाता है। एक दिन उसे वहाँ एक नौजवान मज़दूरन दिखाई देती है और वह उसकी मुस्कुराहट पर फ़िदा हो जाता है। धीरे-धीरे वह उसके साथ शादी करने और नए मकान में बस जाने के बारे में भी सोचने लगता है। मगर एक दिन उसे पता चलता है कि वह मज़दूरन एक दूसरे शख़्स के साथ भाग गई है।
अंधेरा
ऐसे दो लोगों की कहानी जो दिन भर शहर में काम करने के बाद शाम ढ़ले अपने गाँव को लौट रहे होते हैं। रास्ते में चलते हुए जैसे-जैसे अँधेरा बढ़ता जाता है उनमें से एक को डर लगने लगता है। डर से बचने के लिए वह अपने साथी से बातचीत शुरू करता है और उसका साथी उसका हौसला बढ़ाने के लिए एक ऐसी कहानी सुनाता है जो डर से जुड़ी होती है।
join rekhta family!
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
Get Tickets
-
बाल-साहित्य1867
-