तौबा पर चित्र/छाया शायरी
तौबा, उर्दू की मधुशाला
शायरी की मूल शब्दावली है । तौबा को विषय बनाते हुए उर्दू शायरी ने अपने विषय-वस्तु को ख़ूब विस्तार दिया है । ख़ास बात ये है कि पश्चाताप का विषय उर्दू शायरी में शोख़ी और शरारत के पहलू को सामने लाता है । मदिरा पान करने वाला पात्र अपने उपदेशक के कहने पर शराब से तौबा तो करता है लेकिन कभी मौसम की ख़ुशगवारी और कभी शराब की प्रबल इच्छा की वजह से ये तौबा टूट जाती है । यहाँ प्रस्तुत चुनिंदा शायरी में आप उपदेशक और शराब पीने वाले की शोख़ी और छेड़-छाड़ का आनंद लीजिए ।
![बात साक़ी की न टाली जाएगी बात साक़ी की न टाली जाएगी](https://rekhta.pc.cdn.bitgravity.com/Images/ShayariImages/baat-saaqii-kii-na-taalii-jaaegii-couplets-jaleel-manikpuri_medium.png)
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