सुधार पर उद्धरण

ताअन-ओ-तशनीअ से अगर दूसरों की इस्लाह हो जाती तो बारूद ईजाद करने की ज़रूरत पेश न आती।
-
टैग्ज़ : व्यंग्यऔर 2 अन्य
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
ताअन-ओ-तशनीअ से अगर दूसरों की इस्लाह हो जाती तो बारूद ईजाद करने की ज़रूरत पेश न आती।