आंच पर शेर
मैं सोते सोते कई बार चौंक चौंक पड़ा
तमाम रात तिरे पहलुओं से आँच आई
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टैग्ज़ : तन्हाईऔर 1 अन्य
मैं सोते सोते कई बार चौंक चौंक पड़ा
तमाम रात तिरे पहलुओं से आँच आई
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टैग्ज़ : तन्हाईऔर 1 अन्य
कभी इश्क़ करो और फिर देखो इस आग में जलते रहने से
कभी दिल पर आँच नहीं आती कभी रंग ख़राब नहीं होता
कभी इश्क़ करो और फिर देखो इस आग में जलते रहने से
कभी दिल पर आँच नहीं आती कभी रंग ख़राब नहीं होता
आँच आती है तिरे जिस्म की उर्यानी से
पैरहन है कि सुलगती हुई शब है कोई
आँच आती है तिरे जिस्म की उर्यानी से
पैरहन है कि सुलगती हुई शब है कोई
शायद अब भी कोई शरर बाक़ी हो 'ज़ेब'
दिल की राख से आँच आती है कम कम सी
शायद अब भी कोई शरर बाक़ी हो 'ज़ेब'
दिल की राख से आँच आती है कम कम सी
ख़्वाहिशों की आँच में तपते बदन की लज़्ज़तें हैं
और वहशी रात है गुमराहियाँ सर पर उठाए
ख़्वाहिशों की आँच में तपते बदन की लज़्ज़तें हैं
और वहशी रात है गुमराहियाँ सर पर उठाए
दर्द की आँच बना देती है दिल को इक्सीर
दर्द से दिल है अगर दर्द नहीं दिल भी नहीं
दर्द की आँच बना देती है दिल को इक्सीर
दर्द से दिल है अगर दर्द नहीं दिल भी नहीं
बदन की आँच से सँवला गए हैं पैराहन
मैं फिर भी सुब्ह के चेहरे पे शाम लिखता हूँ
बदन की आँच से सँवला गए हैं पैराहन
मैं फिर भी सुब्ह के चेहरे पे शाम लिखता हूँ
चाहत की तमन्ना से कोई आँच न आई
ये आग मिरे दिल में बड़े ढब से लगी है
चाहत की तमन्ना से कोई आँच न आई
ये आग मिरे दिल में बड़े ढब से लगी है
दम-ए-विसाल तिरी आँच इस तरह आई
कि जैसे आग सुलगने लगे गुलाबों में
दम-ए-विसाल तिरी आँच इस तरह आई
कि जैसे आग सुलगने लगे गुलाबों में