ज़हीर ग़ाज़ीपुरी
ग़ज़ल 13
नज़्म 4
अशआर 5
बम फटे लोग मरे ख़ून बहा शहर लुटे
और क्या लिक्खा है अख़बार में आगे पढ़िए
- अपने फ़ेवरेट में शामिल कीजिए
-
शेयर कीजिए
बम फटे लोग मरे ख़ून बहा शहर लुटे
और क्या लिक्खा है अख़बार में आगे पढ़िए
- अपने फ़ेवरेट में शामिल कीजिए
-
शेयर कीजिए
काग़ज़ की नाव भी है खिलौने भी हैं बहुत
बचपन से फिर भी हाथ मिलाना मुहाल है
- अपने फ़ेवरेट में शामिल कीजिए
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
काग़ज़ की नाव भी है खिलौने भी हैं बहुत
बचपन से फिर भी हाथ मिलाना मुहाल है
- अपने फ़ेवरेट में शामिल कीजिए
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
ता-उम्र अपनी फ़िक्र ओ रियाज़त के बावजूद
ख़ुद को किसी सज़ा से बचाना मुहाल है
- अपने फ़ेवरेट में शामिल कीजिए
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए