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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

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समीना राजा

ग़ज़ल 17

नज़्म 11

अशआर 4

शाइ'री झूट सही इश्क़ फ़साना ही सही

ज़िंदा रहने के लिए कोई बहाना ही सही

शाइ'री झूट सही इश्क़ फ़साना ही सही

ज़िंदा रहने के लिए कोई बहाना ही सही

क्या करें आँख अगर उस से सिवा चाहती है

ये जहान-ए-गुज़राँ आइना-ख़ाना ही सही

क्या करें आँख अगर उस से सिवा चाहती है

ये जहान-ए-गुज़राँ आइना-ख़ाना ही सही

सफ़र की शाम सितारा नसीब का जागा

फिर आसमान-ए-मोहब्बत पे इक हिलाल खिला

पुस्तकें 2

 

ऑडियो 5

दिल माँगे है मौसम फिर उम्मीदों का

हम तो यूँ उलझे कि भूले आप ही अपना ख़याल

ये रस्ता

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