क़ैस रामपुरी
ग़ज़ल 10
अशआर 1
लुट गए एक ही अंगड़ाई में ऐसा भी हुआ
उम्र-भर फिरते रहे बन के जो होशियार बहुत
- अपने फ़ेवरेट में शामिल कीजिए
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere