मीना कुमारी नाज़
ग़ज़ल 12
नज़्म 13
अशआर 21
हँसी थमी है इन आँखों में यूँ नमी की तरह
चमक उठे हैं अंधेरे भी रौशनी की तरह
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यूँ तेरी रहगुज़र से दीवाना-वार गुज़रे
काँधे पे अपने रख के अपना मज़ार गुज़रे
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आबला-पा कोई इस दश्त में आया होगा
वर्ना आँधी में दिया किस ने जलाया होगा
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आग़ाज़ तो होता है अंजाम नहीं होता
जब मेरी कहानी में वो नाम नहीं होता
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चाँद तन्हा है आसमाँ तन्हा
दिल मिला है कहाँ कहाँ तन्हा
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चित्र शायरी 2
वीडियो 5
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