लियाक़त जाफ़री
ग़ज़ल 16
अशआर 18
इश्क़ तू ने बड़ा नुक़सान किया है मेरा
मैं तो उस शख़्स से नफ़रत भी नहीं कर सकता
- अपने फ़ेवरेट में शामिल कीजिए
-
शेयर कीजिए
मिरे क़बीले में ता'लीम का रिवाज न था
मिरे बुज़ुर्ग मगर तख़्तियाँ बनाते थे
- अपने फ़ेवरेट में शामिल कीजिए
-
शेयर कीजिए
मैं दौड़ दौड़ के ख़ुद को पकड़ के लाता हूँ
तुम्हारे इश्क़ ने बच्चा बना दिया है मुझे
- अपने फ़ेवरेट में शामिल कीजिए
-
शेयर कीजिए
मैं बहुत जल्द लौट आऊँगा
तुम मिरा इंतिज़ार मत करना
- अपने फ़ेवरेट में शामिल कीजिए
-
शेयर कीजिए
जहाँ जो था वहीं रहना था उस को
मगर ये लोग हिजरत कर रहे हैं
- अपने फ़ेवरेट में शामिल कीजिए
-
शेयर कीजिए
पुस्तकें 7
वीडियो 3
This video is playing from YouTube
