Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Hafeez Jalandhari's Photo'

हफ़ीज़ जालंधरी

1900 - 1982 | लाहौर, पाकिस्तान

लोकप्रिय रूमानी शायर, पाकिस्तान का राष्ट्रगान लिखा

लोकप्रिय रूमानी शायर, पाकिस्तान का राष्ट्रगान लिखा

हफ़ीज़ जालंधरी

ग़ज़ल 69

नज़्म 29

अशआर 79

इरादे बाँधता हूँ सोचता हूँ तोड़ देता हूँ

कहीं ऐसा हो जाए कहीं ऐसा हो जाए

दोस्तों को भी मिले दर्द की दौलत या रब

मेरा अपना ही भला हो मुझे मंज़ूर नहीं

  • शेयर कीजिए

कोई चारह नहीं दुआ के सिवा

कोई सुनता नहीं ख़ुदा के सिवा

वफ़ा जिस से की बेवफ़ा हो गया

जिसे बुत बनाया ख़ुदा हो गया

  • शेयर कीजिए

हम ही में थी कोई बात याद तुम को सके

तुम ने हमें भुला दिया हम तुम्हें भुला सके

क़ितआ 20

क़िस्सा 3

 

बच्चों की कहानी 2

 

पुस्तकें 109

चित्र शायरी 8

 

वीडियो 20

This video is playing from YouTube

वीडियो का सेक्शन
शायर अपना कलाम पढ़ते हुए

हफ़ीज़ जालंधरी

हफ़ीज़ जालंधरी

हफ़ीज़ जालंधरी

जवानी के तराने गा रहा हूँ

हफ़ीज़ जालंधरी

जवानी के तराने गा रहा हूँ

हफ़ीज़ जालंधरी

जहाँ क़तरे को तरसाया गया हूँ

हफ़ीज़ जालंधरी

मस्तों पे उँगलियाँ न उठाओ बहार में

हफ़ीज़ जालंधरी

हम ही में थी न कोई बात याद न तुम को आ सके

हफ़ीज़ जालंधरी

ऑडियो 7

अभी तो मैं जवान हूँ

आख़िरी रात

'इक़बाल' के मज़ार पर

Recitation

"लाहौर" के और शायर

Recitation

बोलिए