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Ateeq Allahabadi's Photo'

अतीक़ इलाहाबादी

इलाहाबाद, भारत

अतीक़ इलाहाबादी

ग़ज़ल 5

 

अशआर 6

होंटों पर इक बार सजा कर अपने होंट

उस के बाद बातें करना सो जाना

देव परी के क़िस्से सुन कर

भूके बच्चे सो लेते हैं

नवाज़ता था हमेशा वो ग़म की दौलत से

और इस ख़ज़ाने से मैं माला माल हो ही गया

घर हमारा फूँक कर कल इक पड़ोसी 'अतीक़'

दो घड़ी तो हँस लिया फिर बाद में रोया बहुत

मैं ने पूछा ये बता मुझ से बिछड़ने का तुझे

कुछ क़लक़ होता है क्या उस ने कहा थोड़ा बहुत

पुस्तकें 6

 

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