आग़ा शाएर क़ज़लबाश
ग़ज़ल 23
अशआर 13
पहले इस में इक अदा थी नाज़ था अंदाज़ था
रूठना अब तो तिरी आदत में शामिल हो गया
- अपने फ़ेवरेट में शामिल कीजिए
-
शेयर कीजिए
मिलना न मिलना ये तो मुक़द्दर की बात है
तुम ख़ुश रहो रहो मिरे प्यारे जहाँ कहीं
- अपने फ़ेवरेट में शामिल कीजिए
-
शेयर कीजिए
तुम कहाँ वस्ल कहाँ वस्ल की उम्मीद कहाँ
दिल के बहकाने को इक बात बना रखी है
- अपने फ़ेवरेट में शामिल कीजिए
-
शेयर कीजिए
बड़े सीधे-साधे बड़े भोले-भाले
कोई देखे इस वक़्त चेहरा तुम्हारा
- अपने फ़ेवरेट में शामिल कीजिए
-
शेयर कीजिए
अबरू न सँवारा करो कट जाएगी उँगली
नादान हो तलवार से खेला नहीं करते
- अपने फ़ेवरेट में शामिल कीजिए
-
शेयर कीजिए