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लब पे इक नाम हमेशा की तरह

महशर इनायती

लब पे इक नाम हमेशा की तरह

महशर इनायती

MORE BYमहशर इनायती

    लब पे इक नाम हमेशा की तरह

    और क्या काम हमेशा की तरह

    दिन अगर कोई गुज़ारे भी तो क्या

    फिर वही शाम हमेशा की तरह

    देख कर उन को मिरे चेहरे का रंग

    बर-सर-ए-आम हमेशा की तरह

    कूचा-गर्दों पे ही पाबंदी है

    जल्वा-ए-बाम हमेशा की तरह

    दिल वही शहर-ए-तमन्ना ब-कनार

    और नाकाम हमेशा की तरह

    हाल क्या अपना बताए 'महशर'

    वक़्फ़-ए-आलाम हमेशा की तरह

    RECITATIONS

    नोमान शौक़

    नोमान शौक़,

    नोमान शौक़

    लब पे इक नाम हमेशा की तरह नोमान शौक़

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