- पुस्तक सूची 185299
-
-
पुस्तकें विषयानुसार
-
बाल-साहित्य1798
औषधि598 आंदोलन261 नॉवेल / उपन्यास3695 -
पुस्तकें विषयानुसार
- बैत-बाज़ी12
- अनुक्रमणिका / सूची5
- अशआर62
- दीवान1347
- दोहा62
- महा-काव्य94
- व्याख्या149
- गीत89
- ग़ज़ल800
- हाइकु11
- हम्द34
- हास्य-व्यंग38
- संकलन1419
- कह-मुकरनी7
- कुल्लियात646
- माहिया17
- काव्य संग्रह4077
- मर्सिया340
- मसनवी709
- मुसद्दस47
- नात453
- नज़्म1064
- अन्य53
- पहेली17
- क़सीदा152
- क़व्वाली19
- क़ित'अ53
- रुबाई266
- मुख़म्मस18
- रेख़्ती16
- शेष-रचनाएं27
- सलाम29
- सेहरा8
- शहर आशोब, हज्व, ज़टल नामा13
- तारीख-गोई21
- अनुवाद78
- वासोख़्त24
अख़्तर जमाल की कहानियाँ
ख़लाई दौर की मुहब्बत
भविष्य में अंतरिक्ष में आबाद होने वाली दुनिया का ढाँचा इस कहानी का विषय है। एक लड़की बरसों से अंतरिक्ष स्टेशनों पर रह रही है। वह लगातार ग्रहों और उपग्रहों की यात्राएँ करती रहती है और अपने काम को आगे बढ़ाती रहती है। अपनी इन्हीं व्यस्तताओं के कारण उसे इतना भी समय नहीं मिलता कि वह धरती पर रहने वाले अपने परिवार से कुछ पल बात कर सके। इन्हीं यात्राओं में उसे एक शख़्स से मोहब्बत हो जाती है। उस शख़्स से एक बार मिलने के बाद दोबारा मिलने के लिए उसे बीस साल का लम्बा इंतज़ार करना पड़ता है। इस बीच वह अपने काम को आगे बढ़ाती रहती है, ताकि आने वाली पीढ़ी के लिए मोहब्बत करना आसान हो सके।
ज़नान-ए-मिस्र और ज़ुलैख़ा
यह कहानी इस्लामी परम्परा के नबी यूसुफ़ और ज़ुलैख़ा के मोहब्बत की दास्तान को पुनर्परिभाषित करती है। हालाँकि इस कहानी में उस दास्तान को एक मर्द की बजाए एक औरत के दृष्टिकोण से देखा गया है। इस कहानी में ज़ुलैख़ा का यूसुफ़ से मिलना और फिर युसुफ़ के बंदी बनाए जाने तक की हर घटना को ज़ुलैख़ा अपने दृष्टिकोण से बयान करती हुई साबित करती है कि उन दोनों के बीच जो कुछ भी हुआ वह ज़ुलैखा ने अपने स्वार्थवश नहीं बल्कि ख़ुदा के हुक्म से किया।
चाँद तारों का लहू
यह यूरोपीय देश बोस्निया में चले गृहयुद्ध पर आधारित कहानी है। इसके केंद्र में एक ऐसा मुस्लिम परिवार है जो अपने देश की संस्कृति और सभ्यता को संजोए रखने के लिए एक के बाद एक अपने सम्बंधियों का बलिदान देता जाता है। साथ ही कहानी में दुनिया के शक्तिशाली देशों और संयुक्तराष्ट्र संघ जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं की भी आलोचना है कि वे कैसे अपने हित के लिए ग़रीब और जंग से जूझते देशों की मदद के बहाने उन्हें तबाह कर देते हैं और उसके नागरिकों के जीवन को पंगु बना देते हैं।
join rekhta family!
Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi
GET YOUR PASS
-
बाल-साहित्य1798
-