aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
रेख़्ता पर शाइरी और नस्र की मुख़्तलिफ़ साहित्यिक और कलात्मक कृतियाँ 52 शैलियों (सिन्फ़) में मौजूद हैं। सभी वेबसाइट सामग्री को रेख़्ता एक्सप्लोरर का इस्तिमाल करके देखा जा सकता है।
पढ़िए 34 यहाँ शाइरी की मुख़्तलिफ़ अस्नाफ़ का मुतालिआ करें, जिनमें ग़ज़ल,नज़्म, क़सीदा, रेख़्ती , मस्नवी , गीत और अन्य प्रकार की शाइरी शामिल है।
समस्तपढ़िए 15 यहाँ नस्र की मुख़्तलिफ़ अस्नाफ़ को पढ़ें जिनमें कहानियाँ , निबंध, साक्षात्कार, अक़्वाल और अन्य प्रकार का नस्री मवाद शामिल है
समस्तरेख़्ता तक़्तीअ एक ऐसा टूल है जिसकी मदद से आप अपनी ग़ज़ल या अशआर की मात्रा- गणना कर सकते हैं। ये टूल रेख़्ता लैब्स द्वारा विकसित एल्गोरिदम पर काम करता है। इस टूल से आप ये जाँच सकते हैं कि क्या आप का कलाम (ग़ज़ल/शेर) बह्र में है या नहीं, उसमें ग़लतियाँ अगर हैं तो कहाँ हैं ताकि उन्हें सुधारा जा सके।
रेख़्ता पर मौजूद 70,000 ग़ज़लों में से चुने हुए 10,000 से ज़्यादा अल्फाज़ पर आधारित क़ाफिया शब्दकोष का इस्ते'माल करें।
इस इंतिख़ाब में इल्मी-ओ-अदबी मज़ामीन, तलबा के लिए वसाइल और असातिज़ा के लिए ज़रूरी मवाद का ज़ख़ीरा मौजूद है।
समस्तअंग्रेजी ग़ज़ल के विकास को समझना: परंपरा, अनुकूलन, और समकालीन अभिव्यक्तियाँ
आठ सदियों के दौरान 'रेख़्ता' शब्द के विकास की कहानी, यह पाठ उसके भाषाई महत्व को छूने के साथ, उर्दू को एक अनूठी साहित्यिक भाषा के रूप में बनाने में उसके योगदान की बात करता है, जिसमें सांस्कृतिक प्रभावों का मिलन है।
मीर आनीस के मर्सिये के माध्यम से समझाया गया
समझिए उर्दू शायरी के विभिन्न प्रकार
ग़ज़ल की समृद्धि और संरचना का अन्वेषण: इस लेख में ग़ज़ल के भावुक स्वरूप और परंपरागत रूपरेखा का खुलासा किया जाता है।
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
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